आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक आरोपी को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा

आरोपी को जोधपुर से किया क्राइम ब्रांच भोपाल नें गिरफ्तार।आरोपी ने आयुर्वेदिक ईलाज के नाम पर 42 लाख 73 हजार रुपये की धोखाधड़ी की है।आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर करता था ठगी।गैंग के सदस्य होटल रेस्टोरेंट के आसपास बुजुर्ग महिलाओं को बनाते थे निशाना।आरोपी ने ठगी के लिये खुलवा रखे थे कई खाते। गैंग के दो सदस्य वैद्य व सहायक बनकर इलाज करने जाते थे घर।सहायक बनकर गया सदस्य बैंक जाकर अपने गैंग के सदस्य के खाते में कराता था पैसे ट्रांसफर।पैसे आते ही जोधपुर में स्थित सदस्य तुरंत निकाल लेता था।

भोपाल थाना क्राइम ब्रांच में आवेदक राकेश मोहन विरमानी निवासी शाहपुरा भोपाल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके साथ 4 व्यक्तियों ने आयुर्वेदिक चिकित्सा के नाम पर ठगी की है। राजीव,डॉ आर.पटेल,संजीवनी आयुर्वेदिक भंडार और एक अन्य लड़के ने ईलाज के नाम पर उनसे 44 लाख रु की धोखाधड़ी की है। शिकायत की जांच कराई गई जो सही पाई गई और पुलिस द्वारा मामला पंजीबद्ध करके आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई।जिस खाते में पैसे ट्रांसफर हुए थे वह खाता जोधपुर राजस्थान का निकला वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में टीम को जोधपुर राजस्थान रवाना किया गया। टीम ने वहा पहुचकर खाता धारक आरोपी विशाल पिता मेघदान निवासी लूनावास चारनां थाना झवर जिला जोधपुर की तलाश की जो नहीं मिला।उसके बाद अन्य खाता धारक आरोपी सावर लाल जाट पिता हनुमान सहाय की तलाश की गई जो जोधपुर जिले के थाना रातानाडा छेत्र के ब्लू सिटी मॉल के सामने खड़ा दिखा,टीम ने आरोपी को घेराबंदी करके पकड़ा नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम सावर लाल जाट पिता हनुमान सहाय (27) निवासी वार्ड न.14 ढाणी पीपली नायन थाना आमरसर जिला जयपुर हाल का पता 73 बी कालोनी प्यारेलाल का किराये का मकान थाना रातानाडा जोधपुर बताया।घटना के संबंध में पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा जुर्म करना स्वीकार किया।आरोपी के पास से दो चेक बुक आधार कार्ड एवं मोबाइल फोन बरामद किया गया।

वारदात का तरीका:

आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उनकी 6-7 लोगों की गैंग है।गैंग के दो-तीन साथी जोधपुर में रहते है।बाकी सदस्य भोपाल आकर आउटर क्षेत्र में निवास करते है। दिन एवं शाम के समय बड़े होटल एवं रेस्टोरेंट के पास जाकर बुजुर्ग एवं ऐसी महिलाये जिनको चलने में दिक्कत होती है उन्हें टारगेट करके उनके पास जाकर,बोलते थे मेरी माँ को भी पैरों में तकलीफ थी जिसका इलाज मैने वैद्य से कराया है जिससे काफी आराम है चूकि महिलाये बीमारी से काफी परेशान रहती थी जिस कारण उस व्यक्ति से वैद्य के बारे में पूछने पर उनके द्वारा अपने ही साथी का नंबर दे दिया जाता था जो अगले दिन वैद्य बनकर अपने एक साथी को सहयोगी बनाकर पीड़ित के घर जाता था और उन्हें डराता था की आपके पैर जहर फैल गया है जिसे यंत्र के माध्यम से बाहर निकालना पड़ेगा लगभग 300-400 जगह से यह प्रक्रिया करनी पड़ेगी,एक बार का चार्ज 6,000/- रुपये बताया था।पीड़ित महिला को समस्या काफी थी जिस कारण गैंग के द्वारा इस प्रक्रिया से इलाज कराने के लिए तैयार हो गई।जिसके बाद गैंग का सदस्य जो वैद्य बनकर आया था उसने पीड़ित महिला के पैरो में फनलनुमा यंत्र के माध्यम से मवाद जैसी चीज निकाली और उसे जहर बताया। मवाद बाहर निकलने से पीड़ित महिला को आराम लगा।इस तरह उनके द्वारा लगभग 400 बार यह प्रक्रिया करायी गई जिसमे से कुछ पैसे पीड़ित के द्वारा घर पर दिये गए,बाकी पैसे 21 लाख रुपये पीड़ित ने अपने बैंक से वैद्य के सहायक को आरटीजीएस किये गए। गैंग के वैद्य के द्वारा आयुर्वेदिक दवाओं के लिये पीड़ित को संजीवनी आयुर्वेदिक भंडार नई दिल्ली का पता दिया गया एवं दवा कोरियर के माध्यम से मंगाने को बोला। आरोपी द्वारा जो नंबर संजीवनी आयुर्वेद भंडार का बताया गया था वह राजस्थान का था जिस पर काल करने पर भी गैंग के सदस्यों द्वारा नकली दवायें पीड़ित को राजस्थान से कोरियर की गई। जिसके बदले में लगभग 10 लाख रुपये खातों में जमा करवाये गये है। इस तरह गैंग के सदस्य के द्वारा इलाज के नाम पर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया गया। क्राइम ब्रांच आरोपी से अन्य घटनाओं एवं फरार चल रहे आरोपियों के बारे में पूछताछ कर रही है।

महत्वपूर्ण भूमिका : थाना प्रभारी अनूप कुमार उईके और उनकी टीम शिवभानू सिंह,अंकित नायक,दिलीप बाँक्सर, ऋषिकेश त्यागी और शिवप्रताप की रही।

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