इंडियन डेयरी एसोसिएशन द्वारा आयोजित सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज गुजरात के गांधीनगर में इंडियन डेयरी एसोसिएशन द्वारा आयोजित 49वें डेयरी उद्योग सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए

भारत में डेयरी क्षेत्र के 360 डिग्री विकास के लिए मोदी सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है ताकि देश विश्व में सबसे बड़ा दूध निर्यातक बनकर उभरे

मोदी सरकार ने निर्यात के लिए मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी बनाई है, जिसके साथ प्रस्तावित 2 लाख ग्रामीण डेयरियों को जोड़कर निर्यात 5 गुना बढ़ने की संभावना है

आज देश में श्वेत क्रांति-2 की आवश्यकता है और इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आगे बढ़ रहे हैं

दुनिया के लिए डेयरी एक व्यापार है लेकिन भारत जैसे विशाल देश में ये रोज़गार सृजन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का विकल्प, कुपोषण की समस्याओं का समाधान प्रदान करने और महिला सशक्तिकरण की संभावनाओं का रास्ता प्रशस्त करने वाला क्षेत्र है

इंडियन डेयरी एसोसिएशन की स्थापना आज़ादी के तुरंत बाद 1948 में हुई और देश में डेयरी क्षेत्र के विकास में आईडीए का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज गुजरात के गांधीनगर में इंडियन डेयरी एसोसिएशन द्वारा आयोजित 49वें डेयरी उद्योग सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि दुनिया के लिए डेयरी एक व्यापार है लेकिन भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश में ये रोज़गार का साधन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का विकल्प, कुपोषण की समस्याओं का समाधान प्रदान करने वाला और महिला सशक्तिकरण की संभावनाओं वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि भारत की आज़ादी से अब तक के डेयरी उद्योग के विकास को देखें तो इन सभी पहलुओं को हमारे डेयरी सेक्टर ने बहुत अच्छे तरीके से देश के विकास के साथ जोड़ने के लिए काम किया है।शाह ने कहा कि इसमें हमारी कोऑपरेटिव डेयरी का योगदान बहुत बड़ा रहा है जिन्होंने किसानों की समृद्धि के लिए काम किया है। कोऑपरेटिव डेयरी ने देश की गरीब कृषक महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने का रास्ता प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज़ादी के 75वें वर्ष में सहकार से समृद्धि मंत्र को सिद्ध करने के लिए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि इंडियन डेयरी एसोसिएशन की स्थापना आज़ादी के तुरंत बाद 1948 में हुई और देश में डेयरी क्षेत्र के विकास में आईडीए का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के डेयरी क्षेत्र को विश्व का सबसे मज़बूत डेयरी सेक्टर बनाने के लिए सर्वांगीण चर्चा करने का प्रयास इस सम्मेलन में हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे डेयरी और पशुपालन क्षेत्र का देश के जीडीपी में 4.5 प्रतिशत योगदान है और कृषि क्षेत्र में डेयरी क्षेत्र का योगदान 24 प्रतिशत है, जो 10 लाख करोड़ रूपए के साथ विश्व में सबसे अधिक है।शाह ने कहा कि डेयरी हमारी अर्थव्वस्था का मज़बूत हिस्सा है और रोज़ग़ार की दृष्टि से देखें तो 9 करोड़ ग्रामीण परिवारों के लगभग 45 करोड़ लोग, विशेषकर सीमांत किसान और महिलाएं, आज सीधे डेयरी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।

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