मध्यप्रदेश देश में सहकारिता कम्प्यूटराइजेशन में अव्वल: अमित शाह

अब सहकारी समितियां चलाएंगी पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, टिकट बुकिंग केंद्र

भोपाल। प्रदेश में सहकारी आंदोलन को नई गति देने के उद्देश्य से रविवार को राजधानी भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) के कम्प्यूटराइजेशन में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है। उन्होंने इसे प्रदेश के लिए गर्व की बात बताते हुए किसानों को सहकारिता से जोड़ने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया।

सम्मेलन में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के बीच अनुबंधों का आदान-प्रदान हुआ। शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश में साढ़े 5 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है, जो देश के कुल उत्पादन का 9 प्रतिशत है। अब सरकार का लक्ष्य है कि कम से कम 50 प्रतिशत गांवों तक सहकारी और डेयरी गतिविधियों का विस्तार हो।

मुनाफा अब सीधे किसानों के खाते में

शाह ने बताया कि अब सहकारी समितियां सिर्फ कृषि ऋण देने तक सीमित नहीं रहेंगी। वे पेट्रोल पंप, दवाई की दुकानें, रेल टिकट बुकिंग, बिल भुगतान, सुपर मार्केट और अन्य कई गतिविधियां संचालित करेंगी। इनसे होने वाली आय सीधे किसानों के खातों में जाएगी, मुनाफा अब व्यापारी नहीं, किसान कमाएंगे।

एम-पैक्स मॉडल से सहकारिता का विस्तार

नई सहकारिता नीति के तहत एम-पैक्स मॉडल को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें पैक्स के साथ डेयरी और मत्स्य पालन गतिविधियों को जोड़ा जा रहा है। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने पैक्स के कम्प्यूटराइजेशन के लिए 2500 करोड़ रुपये की योजना लागू की है और स्थानीय भाषाओं में सॉफ्टवेयर भी तैयार किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया “सोना बनाने वाला स्पर्श”

सम्मेलन में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता विभाग ने नई ऊंचाइयां छूई हैं। उन्होंने शाह की तुलना “पारस” से की, जिसके छूने से कोई भी क्षेत्र “सोना” बन जाता है। राज्य सरकार ने डेयरी और सहकारिता से किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।

महिलाओं के लिए भी नए अवसर

NDDB के निदेशक डॉ. निमेश शाह ने कहा कि श्वेत क्रांति 2.0 के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और रोजगार के अवसर सृजित करने का भी लक्ष्य है। अनुबंधों के तहत प्रशिक्षण, मार्केटिंग और प्रोसेसिंग जैसे कार्य किए जाएंगे।

सी.पी.पी.पी. के तहत अनुबंधों की सौगात

सम्मेलन में पूसा बासमती धान, नेपियर घास की खेती, सुपर मार्केट, धर्मकांटा और दवा केंद्र संचालन जैसे विविध अनुबंध भी हुए। साथ ही किसानों को माइक्रो एटीएम, किसान क्रेडिट कार्ड और पेट्रोल पंप आवंटन जैसे लाभ भी प्रदान किए गए।

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