एम्स भोपाल के आयुष विभाग में मंगलवार, 27 अगस्त 2024 से सिद्ध चिकित्सा सेवाओं की शुरुआत हो रही है, जिससे भारत की सबसे पुरानी और व्यापक चिकित्सा प्रणालियों में से एक को आधुनिक स्वास्थ्य सेवा के केंद्र में लाया जा रहा है। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने इस पहल पर कहा, ‘एम्स भोपाल में सिद्ध सेवाओं की शुरुआत हमारे समग्र स्वास्थ्य सेवा के प्रति समर्पण का प्रतीक है। सिद्ध जैसी प्राचीन चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ एकीकृत करके, हमारा उद्देश्य रोगियों को व्यापक उपचार प्रदान करना है, जो न केवल उनकी स्वास्थ्य चिंताओं का समाधान करेगा, बल्कि उनके समग्र स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देगा। इस पहल से जहां एक ओर भारत की समृद्ध चिकित्सा धरोहर को संरक्षित किया जा सकेगा वहीं दूसरी ओर प्रदेश के लोगों को विविध और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।”
सिद्ध चिकित्सा प्रणाली, जो द्रविड़ संस्कृति में गहराई से निहित है, 6,000 से अधिक वर्षों की समृद्ध विरासत रखती है और स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है, जिसमें निवारक, प्रोत्साहक, उपचारात्मक, पुनर्वास और कायाकल्प करने वाले पहलू शामिल हैं। सिद्ध चिकित्सा प्रणाली अपनी प्रभावशीलता के लिए प्रसिद्ध है, जो तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार, त्वचा रोग, श्वसन संबंधी समस्याएं और मधुमेह व उच्च रक्तचाप जैसी गैर-संचारी रोगों के उपचार में प्रभावी है। इसके अतिरिक्त, यह शिशु रोग, स्त्री रोग और मनोरोग के लिए विशिष्ट उपचार भी प्रदान करती है, जो प्राकृतिक और समय-परीक्षित उपचारों के साथ स्वास्थ्य के विविध मुद्दों का समाधान करती है।
सिद्ध सेवाओं की शुरुआत के साथ, एम्स भोपाल का उद्देश्य पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को एकीकृत करके रोगियों को एक समग्र उपचार अनुभव प्रदान करना है। सिद्ध सुविधा एम्स भोपाल के आयुष भवन में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक संचालित होगी, जिससे सभी रोगियों के लिए यह सेवाएं सुलभ और सुविधाजनक होंगी। यह पहल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के साथ-साथ समुदाय को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।