भगवान आस्था का विषय है, मनोरंजन का नहीं- भानु हिंदू

मनोरंजन के लिए भगवानों की मूर्ति को बिगाड़ने के खिलाफ भानु हिंदू ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सोपा

 

मूर्तिकारों द्वारा प्रथम पूज्यनीय भगवान श्री गणेश एवं माताजी की प्रतिमाओं का रूप बिगाड़कर भारत की महान संस्कृति का अपमान करने वाले मूर्तिकारों पर अंकुश लगाने के लिए दंडात्मक कार्रवाई करने के संबंध में पुलिस आयुक्त भोपाल को जय मां भवानी हिंदू संगठन ने ज्ञापन सोपा

भोपाल। गणेश चतुर्थी का पर्व बस कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है जिसके चलते बाजार में मूर्तिकारों को मूर्ति बनाने के आर्डर मिलते हैं जिसमें कुछ पंडाल (झांकी) बैठाने वाली समिति या मूर्तिकारों द्वारा मनोरंजन के लिए भगवानों की मूर्ति में छेड़छाड़ या उनके साथ किसी व्यक्ति विशेष या वस्तु को जोड़ना या अन्य किसी भी तरह का अपमान करना इसके खिलाफ जय मां भवानी हिंदू संगठन द्वारा कई वर्षों से अभियान चलाया जा रहा है।संगठन के अध्यक्ष भानु हिंदू ने बताया कि सनातन धर्मियों के मुख्य धार्मिक उत्सवों में से एक श्री गणेश चतुर्थी का आगमन होने जा रहा है। भारतवर्ष में यह उत्सव सदियों से बड़े हर्ष के साथ मनाया जा रहा है। श्री गणेश चतुर्थी सिर्फ एक धार्मिक उत्सव ही नहीं, अपितु भारत देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला भी पर्व है। देश की आजादी में गणेश उत्सव का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, एवं श्री गणेश जी का महत्व भारत देश के साथ विदेशों तक में है। कई देश अपनी मुद्रिका पर श्री गणेश जी की आकृति छापते हैं, जो कि संपूर्ण देशवासियों के लिए गौरव का विषय है।

कुछ अज्ञानी स्वयं अपने ही देश में श्री गणेश जी एवं भारतीय सनातन संस्कृति का अपमान कर रहे हैं। विगत कई वर्षों से मूर्तिकारों द्वारा श्री गणेश और माताजी की प्रतिमाओं के वास्तविक स्वरूप में छेड़छाड़ की जा रही है, जिससे प्रथम पूज्यनीय श्री गणेश एवं सनातन धर्म की महान संस्कृति का घोर अपमान हो रहा है। पिछले कई वर्षों से संगठन द्वारा मूर्तिकारों को भारतीय सनातन संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए मूर्तिकारों के पंडाल पर जाकर जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। श्री गणेश जी और दुर्गा जी की प्रतिमाओं से छेड़छाड़ न करने की समझाइश दी जा रही है, जिसके बाद मूर्तिकारों ने सनातन धर्म की गरिमा को ध्यान में रखते हुए श्री गणेश जी और माताजी के वास्तविक स्वरूप में छेड़छाड़ नहीं करने का संकल्प लिया।

परंतु कुछ दुर्गा और गणेश उत्सव समितियाँ अपने मनोरंजन के लिए एवं मूर्तिकार अपने अधिक आर्थिक लाभ के लिए भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म को मानने वाले सनातनियों की भावनाओं को तार-तार करते हुए श्री गणेश जी और माताजी के वास्तविक स्वरूप से छेड़छाड़ करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसी प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है जो शास्त्रसम्मत नहीं हैं एवं धार्मिक भावनाओं के प्रतिकूल हैं। इसके पूर्व भी ऐसे मूर्तिकारों, जो गणेश जी और दुर्गा जी के वास्तविक स्वरूप से छेड़छाड़ कर रहे थे। इनके खिलाफ संगठन द्वारा प्रशासन के सहयोग से दंडात्मक कार्रवाई कराई गई थी। जिससे उन मूर्तिकारों में भारतीय संस्कृति एवं धार्मिक भावनाओं के प्रति सम्मान और गलत काम न करने के लिए कानून का डर उत्पन्न हुआ था। जागरूकता एवं कानूनी कार्रवाई के भय से श्री गणेश जी के स्वरूप में छेड़छाड़ बहुत ना के बराबर हो गई है।जो ना के बराबर समस्या बनी हुई है, उसे भी संपूर्ण रूप से अंकुश लगाने के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी संगठन के सदस्य पंडाल-पंडाल भ्रमण करेंगे एवं मूर्तिकारों को समझाइश देंगे। जो मूर्तिकार शास्त्र के अनुरूप प्रतिमा नहीं बनाएंगे और वास्तविक स्वरूप से छेड़छाड़ करेंगे, उन मूर्तिकारों एवं समितियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही कराई जाएगी।

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