चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने प्रवासी भारतीयों से प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री के क्षेत्र में निवेश करने का किया आग्रह
भोपाल (सुखदेव सिंह अरोड़ा) चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने रविवार को इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन में “हेल्थ केयर एवं फार्मास्युटिकल्स के क्षेत्र में निवेश और प्रवासी भारतीयों की भूमिका” को लेकर आयोजित विशेष सत्र में विभिन्न देशों से आये प्रवासी भारतीयों से प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री के क्षेत्र में निवेश करने का आग्रह किया। इस दौरान मंत्री सारंग ने चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में मध्यप्रदेश की उपलब्धियों प्रकाश डालते हुए राज्य सरकार व प्रवासी भारतीयों के संयुक्त रूप से कार्य करने के रोडमैप पर भी विस्तृत चर्चा की।
मध्यप्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
मंत्री सारंग ने विशेष सत्र के दौरान प्रवासी भारतीयों के साथ चर्चा के दौरान कहा कि प्रवासी भारतीयों के साथ मिलकर काम करने से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश और अधिक गति के साथ प्रगति पथ पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हील इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत मध्य प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में बढ़ावा देने से मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिलने के साथ ही हमारी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं और अधिक सुदृढ़ होंगी। इस दौरान मंत्री सारंग ने हील बाय इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत मध्य प्रदेश के डॉक्टर्स, नर्सिंग एवं पैरामेडिक प्रोफेशनल्स को विदेशों में सेवा के अवसर के लिए भी प्रवासी भारतीयों के सहयोग एवं रोडमैप पर भी चर्चा की।
पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के संबंध में चर्चा
मंत्री सारंग ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को लेकर योजना बनाई गई है। पीपीपी मोड अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा चिन्हित जिला अस्पताल सहित लगभग 10 किलोमीटर के भीतर ही 25 एकड़ भूमि इच्छुक निजी संस्था को निःशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना में लगभग 550 करोड़ रूपये की राशि का व्यय होता है परंतु पीपीपी मोड के माध्यम से मेडिकल कॉलेज की स्थापना में लगभग 289 करोड़ रूपये की राशि व्यय करने की आवश्यकता होगी।इस विशेष सत्र के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. सुदाम खाडे सहित फार्मा इंडस्ट्री के प्रतिनिधि, प्रमुख निजी अस्पताल संचालक सहित अनेक देशों से पधारे प्रवासी भारतीय उपस्थित थे।