एसडीएम एवं तहसीलदार राजस्व विभाग के लंबित प्रकरणों का शीघ्र करें निराकरण – कलेक्टर

सीएम हेल्पलाइन में लंबित प्रकरणों का समय-सीमा में करें निराकरण

समय-सीमा पत्रों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक संपन्न

सुखदेव सिंह अरोड़ा,भोपाल।

कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सोमवार को टीएल बैठक में राजस्व अभियान की समीक्षा की। समीक्षा में उन्होंने एसडीएम एवं तहसील कार्यालयों में लंबित राजस्व प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने एवं प्रदेश में भोपाल जिले को उत्कृष्ट स्थान दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 29 फरवरी तक आयोजित किए जा रहे राजस्व अभियान में आरसीएमएस पोर्टल पर लंबित अविवादित नामांतरण, सीमांकन एवं नक्शे में तरमीम आदि प्रकरणों का अगले एक सप्ताह में अधिक से अधिक निराकरण करें।

कलेक्टर सिंह ने टीएल बैठक में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करते हुए कहा कि लंबित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण एवं रेण्डमली सभी अधिकारीयों को स्वयं प्रकरणों की मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का संतुष्टिपूर्वक निराकरण किया जाए। सिंह ने विगत दिनों भोपाल में चलाए गए विस्फोटक निर्माताओं, भंडारणकर्ताओं एवं विक्रेताओं की जांच रिपोर्ट के आधार पर सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि अभियान के अंतर्गत सील की गई दुकानों के लायसेंस रद्द किए जाए, भंडारण किए हुए विस्फोटक को शिफ्ट किया जाए या नष्ट करने की कार्यवाही की जाए। कोई भी भंडारण आबादी वाले स्थानों पर न हो, इसके साथ ही खाद्य आपूर्ति विभाग को निर्देश दिए कि जिले में गैस एजेंसी भंडारण केन्द्रों को आबादी क्षेत्रों से बाहर शिफ्ट किया जाए। सभी गैस एजेंसियों को जारी एनओसी की समीक्षा की जाए।

कलेक्टर सिंह ने बैठक में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अधिकारी श्री आर.के. सिंह को समीक्षा के निर्देश दिए कि भोपाल जिले में सभी वार्ड एवं ग्राम पंचायतों में विभाग टीम बनाकर सर्वे कराएं एवं दिव्यांगजन का आई डेन्टीफिकेशन करें एवं प्राप्त डेटा के आधार पर सभी पात्र व्यक्तियों को शासन की योजनाओं से लाभांवित करने एवं उनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा परीक्षण कराया जाएगा एवं डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर आगामी समय में शिविर लगाकर जरूरतमंद व्यक्तियों को कृत्रिम अंगों का वितरण किया जायेंगे।

कलेक्टर सिंह ने नशामुक्ति एवं भिक्षावृत्ति रोकने के लिए सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण, श्रम विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास, पुलिस, एनजीओ एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से वृहद रूप में अभियान चलाकर जागरूक करें।

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