लाखों श्रद्धालुओं द्वारा श्री गणेश मूर्ति विसर्जन के साथ हुआ हनुमंत कथा का समापन

जहॉ भगवंत नहीं आते वहॉ संत भेज देते हैं – पंडित धीरेंद्र शास्‍त्री

राजधानी जब रामरसधानी बनती है तब रामराज्‍य आता है

भोपाल में अध्‍यात्‍म की गंगा बहाते रहिए धर्म की पताका लहराते रहिए– चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्‍वास कैलाश सारंग

सुखदेव सिंह अरोड़ा,भोपाल।

नरेला क्षेत्र में स्‍व. कैलाश-प्रसून सारंग की स्‍मृति में आयोजित दो दिवसीय हनुमंत कथा का समापन लाखों श्रृद्धालुओं द्वारा श्री गणेश विसर्जन के साथ हुआ। इस अवसर पर बागेश्‍वर धाम पीठाधीश्‍वर पंडित धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री ने कहा जब किसी प्रदेश की राजधानी रामरसधानी बनती है तब रामराज्‍य आता है| उन्होंने कहा कि हर जगह भगवंत तो नहीं पहुंच पाते तब संत को भेज देते हैं। कथा के आरंभ में मध्‍यप्रदेश शासन के स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा मंत्री विश्‍वास कैलाश सारंग ने अपने सभी परिजनों के साथ व्‍यास पीठ की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर सारंग ने कहा भोपाल के नरेला क्षेत्र में ये धर्म अध्‍यात्‍म की गंगा बह रही है, इसे इसी तरह बहाते रहिए और धर्म की पताका फहराते रहिए। कथा के पूर्व आज सुबह लाखों श्रृद्धालुओं की उपस्थिति मे बागेश्‍वर धाम का दिव्‍य दरबार सजा जिसमें पंडित धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री ने अनेक जनों की अर्जी सुनी, पर्ची बनाई और उनके दुख -कष्‍टों के निदान के उपाए बताए तथा आशीर्वाद प्रदान किया। पंडित शास्‍त्री ने कहा कि इस संसार में श्री हनुमान जी महाराज ही ऐसी शक्ति हैं जो हमारे भूत, भविष्‍य, वर्तमान को सजाते हैं और पृथ्‍वी, आकाश और पाताल तीनों लोकों में राम नाम का डंका बजाते हैं। उन्होंने जय भारत हिन्‍दू राष्‍ट्र का उद्घोष करते हुए हनुमंत कथा को विराम दिया और कथा पंडाल में बनाए गए जल कुंडों में बड़ी संख्‍या में श्रृद्धालुओं ने पंडित शास्‍त्री के सानिध्‍य में श्री गणेश मूर्तियों का विसर्जन किया । इस अवसर पर आचार्य महामंड्लेश्‍वर पदमनाभ शरण जी, अनंतदास जी महाराज और देवाचार्य जी महाराज निम्‍बा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

 

प्रेरक वचन :-

• न हुनर मेरे पास है न किस्‍मत मेरे पास है लेकिन मेरा सदगुरू मेरे पास है।

• हम तो बड़े मतवाले हैं गांव के लोग हैं साहब बड़े भोले-भाले हैं हम बागेश्‍वर बालें हैं।

• धन्‍य है बजरंग बलि आपने तोड़ दी शत्रुओं की नली।

• आज के जमाने में वक्‍ता झप रहे, भगवान झिप रहे।

 

दिव्‍य दरबार सजा बताए समस्‍या निदान के उपाय

बागेश्‍वर धाम के दिव्‍य दरबार में भाग लेने के लिए सुबह से ही लाखों की संख्‍या में श्रृद्धालु कथा पंडाल में पहुंच गए जैसे ही प‍ंडित धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री का आगमन हुआ जय श्री राम के नारे गूंज उठे।

 

जिन श्रृद्धालुओं की अर्जी स्‍वीकार हुई उनकी समस्‍या समाधान के उपाय बताए गए- 

• संतान प्राप्ति के लिए श्री गोपाल सहस्‍त्र नाम का पाठ सबसे कारगर उपाय है।

• घर में लड़ाई-झगड़े क्‍लेश शांत करने के लिए श्री हनुमान जी का झंडा लगाऐं।

• सपने में मूंछों वाला सांप ऊपर चढ़ता है तो देवी हवन करायें और समस्‍या से मुक्ति पायें।

• होनी तो नहीं रोक सकते लेकिन गुरू सावधान जरूर कर सकते हैं।

हनुमानजी पर सब कुछ छोड़ दो

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि या तो आज से ही मंदिर जाना छोड़ दो या फिर आज से अभी से बागेश्वर हनुमानजी पर सब कुछ छोड़ दो। इसकी तीन शर्ते हैं। पहली ये की आज से हमारे चक्कर में नहीं पड़ना। दूसरी शर्त- मांस मदिरा छोड़कर महीने में एक बार बागेश्वर धाम की पेशी शुरू कर दो। तीसरी शर्त ये है कि घर पर ही ऊं बागेश्वर नम: का जाप शुरू कर देना। इसके बाद किसी पर्चे की जरूरत नहीं है। अगर जीवन में संकट आएंगे तो बालाजी आपके सामने आकर खड़े हो जाएंगे।

 

निंदा उसी की होती है जो जिंदा है

श्री हनुमत कथा के अंतिम दिन पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, जहां कुछ भी न हो सिर्फ हवा(पवन) है। इसका मतलब है वहां हनुमानजी हैं। निंदा करने वालों को तुम्हारे काम से नहीं नाम से परेशानी होती है। लेकिन, निंदा उसी की होती है, जो जिंदा है। मुर्दों की कौन निंदा करता है। किसी की निंदा से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि ये समझना चाहिए तुम्हारा जमीर उसके अंदर जिंदा है।

जिसका चरित्र सुंदर, उसका जीवन सुंदर

उन्होंने कहा, जिसका चरित्र सुंदर होता है, उसका जीवन भी सुंदर होता है। जिस तरह से तीनों लोकों पर हनुमान जी का अधिकार है। ठीक इसी तरह तीनों काल- भूत, भविष्य और वर्तमान पर हनुमान जी का अधिकार है। सभी सुख प्राप्त करने के दो ही उपाय है। पहला अपने गुरुदेव के चरण पकड़ो। दूसरा हनुमान जी का आचरण अपनाओ। हनुमान जी ने भगवान राम के काज को संभाला था। आपने उनका सदुपयोग किया तो चारों युगों में हनुमान जी की तरह पूजे जाओगे। इससे यह भी सीख सकते हैं कि भगवान की कृपा से मनुष्य को संसार की समस्त प्रकार की वस्तुएं मिलती हैं। उनका सदुपयोग करेंगे तो हम भी हनुमान जी की तरह पूछे जाएंगे। उन्होंने कहा, धन्य हैं वीर बजरंगबली। वो कहते हैं हमें भगवान श्रीराम के काज के अलावा विश्राम ही नहीं, और हम लोगों को विश्राम के अलावा कोई काम नहीं। हनुमान जी के चरित्र से हमें एक-एक अंग की सदुपयोगिता सीखनी चाहिए। अगर हमने हनुमान जी की शरण ले ली तो हनुमानजी सदा हमारे साथ रहेंगे। जब चलने लगेंगे तो हनुमान चालीसा की चौपाई- ‘सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना’ सिद्ध हो जाएगी।

सुप्रसिद्ध भजन गायिका मैथिली ठाकुर ने दी प्रस्तुति

कथा के विराम दिवस पर सुप्रसिद्ध भजन गायिका सुश्री मैथिली ठाकुर ने श्रीराम भजनों की मधुर प्रस्तुति दी। सुश्री ठाकुर की प्रस्तुति ने कथा स्थल पर श्रद्धालुओं को भजनों पर झुमने के लिए मजबूर कर दिया। इस अवसर पर बागेश्वर धाम पीठाधीश पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री एवं उनके संगतकारों को अंगवस्त्र प्रदान कर उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया।

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