क्राइम ब्रांच इसी मामले में आरोपी संदीप दास को कुछ दिन पहले गिरफ्तार कर चुकी है
आरोपियों ने फर्जी नियुक्ति पत्र का झांसा देकर 3500000/- रूपये की धोखाधडी की है
भोपाल। आरोपी ने खुद ही डीआरएम भोपाल के फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी नियुक्ति पत्र एवं फर्जी आई कार्ड किए थे तैयार।आरोपी ने लगभग 15 लोगों को बनाया था धोखाधड़ी का शिकार।आरोपी स्वयं को बताता था रेल्वे भर्ती बोर्ड का अधिकारी।आरोपी ने लोगों को रेल्वे स्टेशन भोपाल का ट्रेनिंग के नाम पर कराया था विजिट।बिस्टा प्रिंट आनलाईन साइट से बनबाये थे फर्जी सील व WCR प्रिंटेड टीशर्ट।आरोपी भोपाल एवं खण्डवा से फरार होकर कोटा में एफएनबी बेकरी पर करने लगा था काम।आरोपी करीब चार माह से चल रहा था फरार ।
थाना क्राइम ब्रांच में फरियादी प्रीतपाल सिंह बाधवा निवासी इंदौर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि नीरज नेल्शन बेथे व संदीप दास ने रेल्वे में नौकरी लगाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर 8.35 लाख रु की धोखाधडी करी है।शिकायत जांच के दौरान सामने आया कि आवेदक प्रितपाल सिंह बाधवा और उसके बेटे प्रतीक सिह बाधव को 2020 में एक मित्र संदीप दास ने नीरज नेल्सन ब्रेथे से एक रेल्वे रिक्यूमेन्ट बोर्ड अधिकारी बताकर मिलवाया था और फरियादी के पुत्र को रेल्वे विभाग में नौकरी दिलवाने के नाम पर 835123/- रूपये लिये और उसे एक फर्जी अपॉइंमेन्ट लेटर जिस पर फर्जी हस्ताक्षर और सील लगा के दी। आरोपी ने प्रतीक का एक बैंक में खाता भी खुलवाया जिसमें लगभग 4 माह तक सैलरी भी डाली। फरियादी को 2021 में पता चला की नियुक्ति फर्जी है। फरियादी ने आरोपी को उसकी धोखाधड़ी के बारे में बताया और कंप्लेंट करने को कहा तब आरोपी ने उसे कहा कंप्लेंट ना करें मैं आपके पैसे वापस कर दूंगा पर आरोपी ने उनकी राशि वापस नहीं करी और भोपाल से फरार हो गया।इसी मामले में एक आरोपी संदीप दास को क्राइम ब्रांच ने कुछ दिन पहले गिरप्तार कर पुलिस रिमांड लेके फरार आरोपी नीरज नेल्शन वेथे के संबंध में जानकारी ली, जिसके आधार पर एक टीम राजस्थान गई जहाँ पर आरोपी को तलाश करने पर आरोपी नही मिला,टीम को बाद में जानकारी मिली कि आरोपी नीरज नेल्सन बैथे सागर रिश्तेदारी मे गया है। आरोपी को तलाश करते हुए टीम सागर गढाकोटा रोड पर पहुंची,वहा से टीम को जानकारी मिली कि नीरज नेल्सन बैथे अभी बलेह गढाकोटा रोड कलारी के पास खडा है।जिसको टीम ने घेराबंदी करके पकड़ा आरोपी ने अपना नाम नीरज नेल्सन बैथे बताया। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार किया है।टीम ने आरोपी के किराये के रायल होम्स करोंद निशातपुरा भोपाल के घर से एक लेपटाप एंव 2 सीले बरामद की गई है।
पूछताछ में आरोपी मैं बताया कि पहले वो हाइपर सिटी नाम के स्टोर पर काम करता था पर अपनी आय से संतुष्ट नहीं था। हालीबुड की फिल्मों से प्रेरित होकर रेल्वे में नौकरी लगाने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का प्लान बनाया इसके लिये उसने लेपटाप व प्रिंटर खरीदा।इसके बाद रेल्वे से नियुक्ती संबंधी आदेशों एवं रेल्वे में उपयोग की जाने वाली आईकार्ड के सैंपल की खोज कर अपने लेपटाप में आदेश व आई कार्ड का ड्राफ्ट तैयार किया। इसके बाद उसने बेरोजगार लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगना उन्हे शुरू किया। आरोपी ने कई लोगों से ठगी की है।आरोपी खुद फर्जी नियुक्ती पत्र व आई कार्ड पर सील लगाकर खुद ही हस्ताक्षकर करके लोगों को फर्जी नियुक्ती देता था।इसके बाद ठगी के शिकार हुए सभी लोगो को भोपाल में करोंद में किराये का कमरा दिलाकर रुकवाता था एवं टीशर्ट तथा आई कार्ड देकर कई बार रेल्वे स्टेशन भोपाल व स्टेशन पर खड़ी ट्रेनों का विजिट कराता था।आरोपी ने सभी लोगों का सैलरी एकाउंट भी बैंको में खुलवाया था और सभी लोगो को ट्रेनिंग के नाम पर तीन-चार महिने घुमाया फिराया।जब लोगो के द्वारा सैलरी के संबंध में पूछा गया तब आरोपी ने भांडा फूटने के डर से खुद ही उनके एकाउंट में कुछ कुछ पैसे जमा करा दिये और कहा कि ट्रेनिंग के दौरान पूरी सैलरी नहीं मिलती।जब लोगों को नियुक्ती पत्र फर्जी होने की जानकारी मिली तब आरोपी उन्हें पैसे वापस करने का आश्वासन देता रहा और फरार होकर कोटा चला गया।