कैलाशनाथ काटजू चिकित्सालय ने निशुल्क चिकित्सा से रचा इतिहास
भोपाल के कैलाशनाथ काटजू चिकित्सालय ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं से इतिहास रच दिया। यहाँ ज्योति नामक महिला ने 9 अप्रैल को एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया। समयपूर्व प्रसव और कम वजन के बावजूद, चिकित्सालय की विशेषज्ञ टीम ने 60 दिनों की गहन चिकित्सा देखभाल के बाद चारों नवजात शिशुओं और माँ को पूर्णतः स्वस्थ कर डिस्चार्ज किया।
नोडल अधिकारी डॉ. रचना दुबे ने बताया कि ज्योति की यह डिलीवरी उनके विवाह के पाँच वर्ष बाद संभव हुई। चारों नवजातों का वजन जन्म के समय अत्यंत कम था, जिसमें एक शिशु का वजन 1 किलोग्राम से भी कम, जबकि अन्य तीन का वजन लगभग 1 किलोग्राम था। कठिन परिस्थितियों के बावजूद, चिकित्सालय ने सभी शिशुओं को सी-पैप मशीन पर रखा और सर्फेक्टेंट थेरेपी दी, जो आमतौर पर निजी अस्पतालों में लाखों रुपये की लागत लेती है। यह संपूर्ण चिकित्सा सुविधा कैलाशनाथ काटजू चिकित्सालय में निशुल्क प्रदान की गई।
डॉ. रचना दुबे के कुशल नेतृत्व में चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ ने दिन-रात समर्पण के साथ कार्य किया। इस प्रक्रिया में डॉ. सुजाता जनवदे, डॉ. स्मिता सक्सेना, डॉ. ममता वर्मा, डॉ. प्रतिभा रैकवार, डॉ. अमित, डॉ. लोकनाथ, डॉ. निर्मला, डॉ. गरिमा, डॉ. राकेश और नर्सिंग स्टाफ ने अहम योगदान दिया। उनकी मानवीय संवेदना और पेशेवर निष्ठा के फलस्वरूप चारों शिशु स्वस्थ हुए।
9 जून को ज्योति और उनके चारों बच्चों को अस्पताल से विधिवत डिस्चार्ज कर दिया गया। यह उपलब्धि न केवल चिकित्सालय की उत्कृष्ट सेवाओं का प्रमाण है, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा की मिसाल भी प्रस्तुत करती है।