मुख्यमंत्री ने बजट के लिए किया प्रधानमंत्री का अभिनंदन, वित्तमंत्री को दिया धन्यवाद
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार का यह बजट सर्वस्पर्शी है, जिसने समाज के प्रत्येक वर्ग को छुआ है। सर्वव्यापी है, क्योंकि देश के प्रत्येक राज्य के लिए है। यह सर्वसमावेशी और विकास को समर्पित बजट है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार ने सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान, समान अवसर उपलब्ध कराने का जो संकल्प लिया है, यह उसको पूरा करने वाला और इज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देने वाला आम बजट है। यह केवल वर्ष 2023-24 का बजट नहीं है, बल्कि 100 साल बाद भारत कैसा होगा, की संकल्पना पर आधारित बजट है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री जी का हृदय से अभिनंदन करता हॅू एवं केंद्रीय वित्त मंत्री जी को धन्यवाद देता हॅू। यह बात मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कही।
बजट में रखा हर वर्ग पर ध्यान
मोदी सरकार ने अपने बजट में समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा है। बच्चों और किशारों के लिए राष्ट्रीय डिजीटल पुस्तकालय की स्थापना एक स्वागत योग्य कदम है। 740 एकलव्य विद्यालयों के लिए 38 हजार 500 शिक्षक एवं सपोर्ट स्टॉफ की तीन में भर्ती की जायेगी। युवाओं के लिए पीएम कौशल योजना-4 प्रारंभ की गई है, जिसमें देश भर में 40 स्किल सेंटर स्थापित किए जाऐंगे। मध्यप्रदेश में भी ग्लोबल स्किल पार्क जैसी परियोजनाएं प्रारंभ की जाएंगी, जिनसे स्किल्ड मेन पॉवर तैयार कर उनको रोजगार दिया जायेगा। तीन साल में 47 लाख युवाओं को वजीफा सहायता प्रदान करने के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ का हस्तांतरण शुरू किया गया है। बजट में महिला सम्मान विकास पत्र जारी करने का फैसला लिया गया है और बहनों को 2 लाख रूपए की बचत पर सालाना 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत खाते में रखी जाने वाली राशि साढ़े 4 लाख से बढ़ाकर 9 लाख करने का फैसला लिया गया है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना को भी 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख कर दिया गया है। देश के मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था को समाप्त किया गया है और नौकरीपेशा लोगों के साथ ही जिनकी आय 7 लाख रूपए तक है, अब उन्हें टैक्स नहीं देना होगा। देश की विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए विकास मिशन शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिसके अंतर्गत 15000 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
रसायनमुक्त कृषि को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बजट में पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन हेतु कृषि ऋण के लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रूपए किया गया है। अगले तीन सालों तक 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए मदद की जायेगी और 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्सेस सेंटर बनाए जायेंगे। फर्टीलाइजर्स के दुष्प्रभावों से धरती को बचाने का यह दूरगामी अभियान है। 6 हजार करोड़ रूपए के फंड से मत्स्य संपदा योजना मछुआरों और इससे जुड़े छोटे व्यवसायों को संजीवनी प्रदान करेगी। चौहान ने कहा कि हमारा देश मोटे अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। नया बजट देश को श्रीअन्न का ग्लोबल हब बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी की कटिबद्धता को दोहराता है। इसमें हैदराबाद में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च की स्थापना का प्रावधान किया गया है। वन डिस्ट्रक्ट-वन प्रोडेक्ट एवं हेंडीक्रॉफ्ट आयटम को बढ़ावा दिये जाने के प्रस्ताव भी स्वागत योग्य हैं।
तेजी से विकसित होगी अधोसंरचना
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में 5जी सर्विस पर चलने वाले एप को विकसित करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थाओं में 100 लेब बनाने का प्रावधान है। रेल बजट 2 लाख 40 हजार रूपए कर दिया गया है, जो 2013-14 के रेल बजट से 9 गुना ज्यादा है। इनवेस्टमेंट खर्च को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख रूपए किया गया है एवं राज्यों को मिलने वाले इंट्रेस्ट फ्री लोन को एक साल के लिए आगे बढ़ाया गया है, जिसका अधोसंरचना के विकास में राज्य लाभ उठा सकते हैं। गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना में 66 प्रतिशत की वृद्धि कर 79 हजार करोड़ रूपया कर दिया गया है। एयर कनेक्टविटी बढ़ाने के लिए नये 50 नए एयरपोर्ट, हेलीपेड, वाटर एयरो ड्रोन विकसित किए जायेंगे। शहरी बुनियादी ढांचे के विकास कोष के लिए 10 हजार करोड़ रूपए हर साल खर्च किए जाएंगे। देश में 2014 के बाद 157 मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, अब बजट में 157 नर्सिंग कॉलेज भी खोले जाने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना एवं रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण जो परिस्थियां बनीं, उसके बावजूद 45 लाख करोड़ रूपए बजट का आकार करना भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है।
विकास के साथ धरती को बचाने की चिंता
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नए बजट में जहां विकास की ललक दिखाई देती है, वहीं इससे धरती को बचाने की चिंता भी झलकती है। यह बजट धरती को बचाने के लिए ग्रीन ग्रोथ के लक्ष्य पर आधारित है। इसमें नेशनल हाइड्रोजन मिशन के लिए 19 हजार 700 रूपए का आवंटन किया गया है। 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। एनर्जी ट्रांजेक्शन के लिए भी 35 हजार करोड़ रूपए का फंड दिया गया है। यह प्रधानमंत्री जी की जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की प्राप्ति की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बजट में 10 हजार करोड़ के निवेश से सर्क्यूलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए गोवर्धन योजना के तहत 500 नये वेस्ट टू वेल्थ प्लांट स्थापित किए जाने का प्रावधान किया गया है।सात प्राथमिकताओं वाला बजट मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि देश के नागरिकों को बड़े अवसर उपलब्ध कराना, रोजगार सृजन को मजबूत प्रोत्साहन, व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना इस बजट का मुख्य एजेंडा है। बजट की सात सप्तऋषि प्राथमिकताएं हैं, जिनमें समावेशी विकास, लास्ट मील डिलेवरी, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा एवं वित्तीय क्षेत्र को मजबूती शामिल हैं।