एम्स भोपाल में 14 से 30 सितंबर 23024 तक आयोजित हिन्दी पखवाड़ा का समापन समारोह गुरुवार, 03 अक्टूबर 2024 को हुआ। इस अवसर पर एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा. हिन्दी पखवाड़ा जैसे आयोजन न केवल संस्थान के कार्यों की गुणवत्ता में सुधार लाते हैं, बल्कि कर्मचारियों और छात्रों में भाषा के प्रति जागरूकता और प्रेरणा भी बढ़ाते हैं। हमें यह देखना चाहिए कि हिन्दी केवल पखवाड़े तक ही सीमित न रहे. बल्कि कार्यस्थल ओर जीवन के हर क्षेत्र में इसका प्रयोग बढ़े। हिन्दी एक ऐसी संपर्क भाषा है जो सरलता से दूसरी भाषाओं के शब्दों को अपने में समाहित कर लेती है और सभी को जोड़ने का माध्यम बनती है।” एम्स भोपाल के उपनिदेशक (प्रशासनिक) कर्नल (डॉ) अजीत कुमार ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “ऐसे आयोजनों से हम अपने कार्यों का मूल्यांकन करने और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होते हैं। यह न केवल भाषा के प्रति प्रेम जाग्रत करता है बल्कि संस्थान में सहयोग और समर्पण की भावना को भी बढ़ावा देता है।”
अयोजन समिति के प्रमुख डॉ. संतोष वाकोड़े ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा, “भाषा विविधता में एकता का प्रतीक है। यह सिर्फ शब्दों का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि हमारी भावनाओं, संस्कारों और विचारों को व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है।”
इस अवसर पर डॉ. सूर्याबाली की पुस्तक गैर संचारी रोगः सही जानकारी से सही प्रबंधन’ का विमोचन भी किया गया। समापन समारोह के दौरान हिन्दी पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। कुल 37 प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
प्रो. (डॉ) अजय सिंह ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा, “भविष्य में भी हम ऐसे आयोजनों के माध्यम से हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहन देते रहेंगे, जिससे न केवल कार्यकुशलता में वृद्धि होगी बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान भी सशक्त होगी। समापन समारोह में एम्स भोपाल के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।