भोपाल सुखदेव सिंह अरोड़ा मंगलवार को गुजराती मानस भवन परिसर में प्रदेश के जनपद अध्यक्षों/ सदस्यों के सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में जनपद अध्यक्षों/ सदस्यों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष माननीय गिरीश गौतम का सम्मान किया गया। सम्मेलन के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने जनपद अध्यक्षोंध्सदस्यों के आग्रह पर उनकी भेंट विधानसभा मे माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से भी कराई, जहां उन्होंने अपनी समस्याएं एवं मांगे मुख्यमंत्री के समक्ष रखी।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की मूल इकाई हमारी पंचायते हैं। इस जनतंत्र के सुचारू रूप से संचालन में पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों की वही भूमिका है जो किसी भवन के निर्माण में नींव की होती है, बिना नींव के कोई मकान टिक नहीं सकता है। गौतम ने कहा कि जनपद पंचायत के प्रतिनिधियों की मांगों का ज्ञापन प्राप्त हुआ है। जनपद अध्यक्षों एवं सदस्यों के संवैधानिक और राजनीतिक अधिकारों का संरक्षण सरकार की ओर से किया जाएगा, इसका आश्वासन मिला है। गौतम ने कहा कि कुछ मांगों में तकनीकी पक्ष पर समस्या आ सकती है। इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे कि तकनीकी समस्याओं का निराकरण कैसे किया जाए।
शिक्षक सम्मान समारोह एवं शिक्षक प्रोत्साहन विशेषांक के विमोचन में शामिल हुए विधानसभा अध्यक्ष
मध्यप्रदेश विधानभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने मंगलवार को विधानसभा परिसर के मानसरोवर सभागार में शिक्षक संदर्भ समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर स्कूल शिक्षा की दिशा में बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंनें शिक्षक संदर्भ समूह द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के शिक्षक प्रोत्साहन विशेषांक का विमोचन भी किया।शिक्षक संदर्भ समूह द्वारा संचालित मेरा विद्यालय मेरी पहचान कार्यक्रम के माध्यम से विद्यालय को आनंद घर बनाओ अभियान के अंतर्गत प्रदेश के लगभग 2000 शिक्षकों ने अपने-अपने विद्यालय को बच्चों के लिए आनंद घर के रूप में रूपांतरित किया है। प्रदेश के नौनिहाल बच्चों को उनके अनुरूप शिक्षण प्रदान करने वाले शिक्षकों का मनोवल बढ़ाने के लिए माननीय अध्यक्ष महोदय द्वारा उन्हें शिक्षाविद गिजु भाई सम्मान 2022 से विभूषित किया गया।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सभी सम्मानित शिक्षको को शुभकामनाएं प्रदान करते हुए प्रदेश में बेहतर शिक्षा के लिए शिक्षकों से अपना योगदान प्रदान करने की अपील की। इस अवसर पर गौतम ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य जीवन निर्वाह नहीं, जीवन निर्माण होना चाहिए्।
हमारी नई शिक्षा नीति छात्रों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर की कई है। अब तक जो हमारी शिक्षा में हमारे वास्तविक इतिहास, भारतीय दर्शन और चिंतन परंपरा की उपेक्षा की जा रही थी, नई शिक्षा नीति से उसके द्वार पुनः खुले हैं।कार्यक्रम में विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव ए.पी.सिंह, पूर्व मंत्री एवं विधायक पी.सी़ शर्मा, पूर्व आयुक्त डाॅ. अशोक भार्गव, दक्षिणामूर्ति बाल विद्या मंदिर, भावनगर गुजरात के प्राचार्य विपुल व्यास, शिक्षक संदर्भ समूह के समन्वयक डाॅ. दामोदर जैन सहित शिक्षाविद एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।