एम्स भोपाल में आज विश्व विटिलिगो दिवस मनाया गया। इस अवसर पर एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर डॉ अजय सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि विटिलिगो यानी कि सफेद दाग किसी को भी हो सकता है, किंतु इलाज के द्वारा रंग बदलने की प्रक्रिया रुक सकती है और धीमी हो सकती है और काफी हद तक त्वचा का रंग वापस भी आ सकता है। सफेद दाग को लेकर समाज में जिस तरह की भ्रांतियां मौजूद हैं उससे मरीज मानसिक रूप से परेशान हो जाता है। हमें उस मरीज को मानसिक रूप से भी सशक्त बनाना होगा। यह एक ऐसी बीमारी है जो त्वचा के रंग को धब्बों में बदल देती है और रंगहीन क्षेत्र आमतौर पर समय के साथ बड़े हो जाते हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि जैसे ही इसके लक्षण दिखाई पड़े तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
एम्स भोपाल के त्वचा विज्ञान विभाग द्वारा जैव रसायन और सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग के सहयोग से 29 जून 2024 को यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। पिछले एक माह तक भोजपुर, धामधूसर, बांगरसिया और चिकलोद के क्षेत्र में कई जागरूकता गतिविधियां भी आयोजित की गई। इन गतिविधियों मे नुक्कड़ नाटक, पोस्टर निर्माण और मरीजों की काउंसलिंग के जरिए विटिलिगो यानी सफेद दाग के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। आज समापन अवसर पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से एम्स भोपाल में आनेवाले मरीजों एवं उनके परिजनों को विटिलिगो के बारे में जागरूक भी किया गया। इस दौरान एक चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई और विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया।