भोपाल सुखदेव सिंह अरोड़ा।
भोपाल, 08 मई राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन, मुंबई में आगामी 15 जून को प्रारंभ होगा, जिसमें देश भर के लगभग 4300 विधायकों को आमंत्रित किया गया है और इसमें संसदीय कार्य से संबंधित विभिन्न विषयों पर तीन दिनों तक गहन विचार विमर्श किया जाएगा।मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने आज यहां विधानसभा के सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी। इस अवसर पर वरिष्ठ विधायक पी सी शर्मा, कृष्णा गौर, विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह और पुणे स्थित प्रतिष्ठित संसस्थान एमआईटी-एसओजी के वरिष्ठ पदाधिकार राहुल वी कराड़ भी मौजूद थे।मुंबई के अत्याधुनिक जियो वर्ल्ड कंवेंशन सेंटर में आयोजित होने वाले इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने बताया कि 15 जून से 17 जून तक आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अब तक लगभग 1800 विधायकों की सहमति मिल चुकी है। इसमें मध्यप्रदेश के लगभग एक सौ विधायक शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन देश में पहली बार हो रहा है और इसमें विधायकों को भावनात्मक रूप से जोड़ने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। गौतम ने कहा कि देश में वर्ष 1952 में हुए पहले आम चुनाव में मतदाताओं की संख्या लगभग 17 करोड़ थी और उनमें से 10 करोड़ से अधिक ने मतदान किया था। वर्तमान समय में बेहतर साक्षरता और तमाम जागरुकता कार्यक्रमों के बावजूद मतदान प्रतिशत औसतन 65 से 70 प्रतिशत के आसपास रहता है। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर मतदान प्रतिशत अपेक्षाकृत नहीं बढ़ना चिंतन मनन का विषय है और सम्मेलन के दौरान इस मुद्दे पर भी गहन चर्चा होने की संभावना है।इस आयोजन की तैयारियों को लेकर पूर्व में मुंबई का दौरा कर चुके श्री गौतम ने बताया कि सम्मेलन के दौरान विभिन्न सत्र आयोजित होंगे और इनके लिए संसदीय कार्यों से संबंधित विषय भी निर्धारित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश विधानसभा में एक निश्चित दिन प्रश्नकाल के दौरान सिर्फ पहली बार के विधायकों और महिला विधायकों को ही सवाल करने का अवसर देने का बेहतर नवाचार किया गया है। इस सम्मेलन के दौरान इस संबंध में भी बताया जाएगा। गौतम ने कहा कि राजनीति में नेताओं के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए। इसी मूल मंत्र के आधार पर सम्मेलन में भी शामिल होने वाले विधायक अपने अनुभव और विचार खुलकर रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि सम्मेलन की तैयारियां व्यापक स्तर पर की जा रही हैं।एक सवाल के जवाब में गौतम ने कहा कि मौजूदा स्थितियों के मद्देनजर विधायकों को पर्याप्त स्टाफ मुहैया कराने के वे पक्षधर हैं और इस मुद्दे पर भी इस सम्मेलन के दौरान चर्चा होना चाहिए। उन्होंने हाल ही में अपनी पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा से जुड़े अनुभव साझा करते हुए कहा कि वहां के विधायक अपने क्षेत्र और राज्य के विकास के लिए पूरी तरह एकजुट होकर कार्य करने में विश्वास करते हैं। यह बात उन्हें काफी पसंद आयी है।इस माैके पर पुणे स्थित संस्थान एमआईटी एसओजी के प्रमुख पदाधिकारी राहुल वी कराड़ ने बताया कि सम्मेलन की तैयारियों के सिलसिले में वे स्वयं विभिन्न राज्यों का दौरा कर विधानसभा अध्यक्षों और अन्य संबंधित पदाधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। उनका संस्थान भी इस आयोजन में महती भूमिका निभा रहा है। यह संस्थान देश में भविष्य के राजनेताओं के शिक्षण प्रशिक्षण से संबंधित कार्य संपादित करता है।