बाल विवाह कराने या सहयोग करने वालों को दो साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माना
भोपाल जिला प्रशासन ने बाल विवाह को सामाजिक बुराई करार देते हुए इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के अवसर पर होने वाले वैवाहिक आयोजनों में बाल विवाह की आशंका को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। सामुदायिक सहयोग से इस कुप्रथा को खत्म करने का संकल्प लिया गया है।
कलेक्टर ने बताया कि भोपाल में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत ‘लाडो अभियान’ के माध्यम से बाल विवाह रोकथाम के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 की धारा 9, 10, 11 और 13 के तहत बाल विवाह कराने, सहयोग करने वाले व्यक्ति, संस्था या संगठन को दो वर्ष तक की कैद, एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है।
प्रशासन ने सामूहिक विवाह आयोजकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने आयोजनों में बाल विवाह न होने दें और इसकी शपथ पत्र के साथ पुष्टि कलेक्टर कार्यालय या महिला एवं बाल विकास जिला कार्यालय में जमा करें। इसके अलावा, प्रेस, हलवाई, कैटरर्स, धर्मगुरु, समाज के मुखिया, बैंड, घोड़ी वाले और ट्रांसपोर्ट सेवाएं देने वालों से अपील की गई है कि वे आयु संबंधी प्रमाण-पत्रों की जांच के बाद ही अपनी सेवाएं प्रदान करें। ऐसा न करने पर उन्हें बाल विवाह का सहयोगी माना जाएगा। प्रिंटिंग प्रेस से भी अनुरोध किया गया है कि वे विवाह पत्रिका में वर-वधू के बालिग होने का स्पष्ट उल्लेख करें।
यदि कहीं बाल विवाह की सूचना मिलती है, तो नागरिक निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास: 9425047133
सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास: 7000879805
पुलिस हेल्पलाइन: 100
चाइल्ड हेल्पलाइन: 1098
महिला हेल्पलाइन: 181
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे बाल विवाह रोकने में सहयोग करें और इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने में योगदान दें।