ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पहले दिन फार्मास्युटिकल्स, चिकित्सा उपकरण एवं स्वास्थ्य सेवा पर विशेष क्षेत्रीय सत्र का आयोजन
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को लेकर निवेशकों से किया आवाह्न
इंदौर (सुखदेव सिंह अरोड़ा)
इंदौर में आयोजित दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 के पहले दिन फार्मास्युटिकल्स, चिकित्सा उपकरण एवं स्वास्थ्य सेवा पर विशेष क्षेत्रीय सत्र का आयोजन किया गया। सत्र के दौरान देश-प्रदेश के प्रख्यात उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे हील इन इंडिया कार्यक्रम को नवीन आयाम देते हुए “हील इन हार्ट ऑफ़ इंडिया (मप्र)” के तहत मध्यप्रदेश में निवेश करने का आग्रह किया। मंत्री सारंग ने कहा कि हील इन हार्ट ऑफ़ इंडिया (मप्र) से प्रदेश मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप स्थापित होगा।
हील इन हार्ट ऑफ़ इंडिया से मध्यप्रदेश बनेगा मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन
मंत्री सारंग ने कहा कि इन हार्ट ऑफ़ इंडिया (मध्य प्रदेश) कार्यक्रम के अंतर्गत मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप विकसित होने के लिए मध्य प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने इंदौर का उदाहरण देते हुए कहा कि इंदौर में स्वास्थ्य सेवा में विश्व स्तरीय गुणवत्ता के साथ ही ट्रेंड डॉक्टर्स और बेहतर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मेडिकल टेक्नोलॉजी की उपलब्धता है। यहां इलाज के लिये आने वाले मरीजों को उपचार की दर में भी रियायत दी जा रही है। सारंग ने बताया कि भारत में बिना मेडिकल वीजा के अंग प्रत्यारोपण के अतिरिक्त विदेशी नागरिक हर प्रकार का चिकित्सा उपचार प्राप्त कर सकते हैं।
हेल्थ टेक कांसेप्ट हेल्थकेयर के क्षेत्र का भविष्य
मंत्री सारंग ने हेल्थ टेक्नोलॉजी को भविष्य की जरूरत बताते हुए कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा वर्तमान में मरीजों के उपचार एवं बीमारियों के शोध में आईटी, एआई, मशीन लर्निंग, 3 डी प्रिंटिंग, रोबोटिक सर्जरी सहित हेल्थकेयर के विभिन्न आयामों पर निरंतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हेल्थ टेक कांसेप्ट हेल्थकेयर के क्षेत्र का भविष्य है, हेल्थकेयर के क्षेत्र को तकनीक और IT से जोड़ने की पहल से चिकित्सा शिक्षा सहित स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा।
पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना
मंत्री सारंग ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को लेकर योजना बनाई गई है। योजना अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा चिन्हित जिला अस्पताल सहित लगभग 10 किलोमीटर के भीतर ही 25 एकड़ भूमि इच्छुक निजी संस्था को निःशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी। वहीं जनसंख्या के अनुपात के आधार पर आवश्यकता पड़ने पर एक ही जिले में दो पीपीपी मोड मेडिकल कॉलेज भी खोले जा सकेंगे।इस विशेष सत्र के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. सुदाम खाडे सहित अनेक देशों से पधारे निवेशक उपस्थित थे।