भोपाल को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने की दिशा में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर गुरुवार को शहर के प्रमुख चौराहों पर विशेष अभियान चलाया गया। एमपी नगर एसडीएम एल.के. खरे के नेतृत्व में व्यापम चौराहा, बोर्ड ऑफिस, ज्योति टॉकीज और डीबी मॉल चौराहे पर भिक्षावृत्ति के खिलाफ कार्रवाई की गई।
अभियान में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग, कलेक्टर कार्यालय से करुणा रघुवंशी और संजय गौतम, सामाजिक न्याय विभाग से वीरेंद्र कोरी तथा श्रम विभाग से अरुण कुमार साहू की टीम शामिल थी। बोर्ड ऑफिस चौराहे पर कमला बाई (55 वर्ष) और झनक लाल यादव (67 वर्ष) को भीख मांगते पाया गया। दोनों को समझाइश देकर कोलार रोड स्थित आश्रय गृह भेजा गया।
नया तरीका, नई चुनौती
अभियान के दौरान सामने आया कि भिखारी अब पेन, अखबार और स्टिकर जैसी वस्तुओं की आड़ में भीख मांग रहे हैं। कई लोग इस पैसे का उपयोग नशे के लिए करते हैं। एसडीएम ने ऐसे लोगों को चेतावनी दी और समझाइश दी कि वे इस गतिविधि को बंद करें।
आत्मनिर्भरता की ओर कदम
कलेक्टर के निर्देश पर यह अभियान न केवल भिक्षावृत्ति को समाप्त करने पर केंद्रित है, बल्कि भिखारियों को आत्मनिर्भर बनाने पर भी जोर देता है। आश्रय गृह में उन्हें विभिन्न कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर सम्मानजनक जीवन जी सकें।
भोपाल को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने का संकल्प
यह अभियान भोपाल को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि भिक्षावृत्ति में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। साथ ही, नागरिकों से अपील की गई है कि वे भिखारियों को दान देने के बजाय उनकी मदद के लिए सरकारी योजनाओं का सहयोग करें।